ॐ तत्सत् ”समाज में अघोर पंथ को लेकर बहुत सी भ्रांतिया है जिसको दूर करने के लिए अघोर पंथ पर अपना विचार लिख रही हूँ जो आपको सही मार्ग बताएगा की सही मायने में अघोर की सही परिभाषा क्या है। सबसे पहले हम जानेगें की …
अघोरपंथ एवं औघड़-अघोरेश्वर

The Scriptures of Aghoreshwar Mahaprabhu
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ॐ तत्सत् ”समाज में अघोर पंथ को लेकर बहुत सी भ्रांतिया है जिसको दूर करने के लिए अघोर पंथ पर अपना विचार लिख रही हूँ जो आपको सही मार्ग बताएगा की सही मायने में अघोर की सही परिभाषा क्या है। सबसे पहले हम जानेगें की …
Motivational Quote On Mother Whoever does not love his mother who is awakened alive, cannot love the God of stone sitting in the temple and the zero formless God sitting in the mosque. Mother is a word that has no complete definition. The interpretation of …
What is supernatural power This supreme /supernatural power is not worshiped with incense, lamp, fruits, flower, and offerings, etc. because these are material things and power is not a deity to be weighed with any things. You can’t be taken from it according to its …
The day when you become a parent is the most fortunate, rewarding, and beautiful experience of your life. After becoming a parent, the biggest thing is to become a good parent. so your duty never ends no matter what so ever your children stage. How …
गुरुदेवजी त्वमपाहिमाम् शरणागतम् गुरु का स्थान तो इस संसार में ईश्वर से भी बड़ा होता है जिस प्रकार सूर्य के उदय होने से अंधकार दूर होता है। उसी प्रकार गुरु के वचन मन में फैले अंधकार को नष्ट करते है। उसे ज्ञान की दिव्यता से …
बहुत से लोगों की धारणा होती है कि हम अगर भगवती उस महाशक्ति को सुंदर वस्त्र आभूषण और फल मेवा इत्यादि चढ़ाएंगे तो वह हम पर जरूर प्रसन्न होगी।फल आभूषण मेवा इत्यादि को देखकर कौन नहीं प्रसन्न होता है। परंतु हम किसकी बात कर रहे …
एक व्यक्ति का अपने परिवार , पत्नी, बच्चों, माता-पिता, समाज के प्रति और अपने देश के प्रति भी कुछ दायित्व होते है | जिस दिन आप माता पिता बनते है वह दिन आपके जीवन का सबसे सौभाग्यशाली दिन होता है |एक अच्छा माता-पिता बनना हमारे जीवन …
जिस अलौकिक शक्ति का हम चिंतन कर रहे हैं वह कोई दूसरी बाहरी वस्तु नहीं है। वह हमारे और आपके बीच का ही है। हम शायद उसके सही रूप को पहचान नहीं पाते हैं, या सही क्या है ?उसकी सही पूजा क्या है, समझ नहीं …
माता का स्नेह कैसा होता है? जिसे जीवित जागृत अपनी माँ से प्रेम नहीं उसे मंदिर में बैठे पत्थर के देवता और मस्जिद में बैठे शुन्य निराकार ईश्वर से प्रेम नहीं हो सकता। माता का स्नेह कैसा होता है। कितना बड़ा ह्रदय होता है कि …